आयुष्मान योजना : देहरादून, 30 सितंबर। अब उत्तराखंड में आयुष्मान योजना

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि सत्यापन प्रमाण पत्र में उल्लेख होगा कि अस्पताल द्वारा इलाज के लिए कोई पैसा नहीं लिया गया है और इसका इलाज पूरी तरह से मुफ्त किया गया है.

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वेरिफिकेशन फॉर्म में लाभार्थी यह भी प्रमाणित करेगा कि यह फॉर्म उसके अपने या परिवार के सदस्य ने भरा है न कि अस्पताल के किसी कर्मचारी ने।

आयुष्मान योजना: राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इस संबंध में सभी अस्पतालों को आदेश जारी कर दिए हैं.

प्राधिकरण के अनुसार आयुष्मान योजना के चार साल की अवधि में प्रदेश में अब तक 5.75 लाख से अधिक मरीजों का इलाज किया जा चुका है.

हालांकि, कुछ लाभार्थियों ने समय-समय पर शिकायत की कि अस्पतालों द्वारा पूरी तरह से मुफ्त इलाज उपलब्ध नहीं कराया गया और

उन्होंने लाभार्थी से पैसे लिए। ऐसे कई मामलों में प्राधिकरण ने लाभार्थियों से लिए गए पैसे को अस्पताल से वापस दिलवाया।