दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन मथुरा, आगरा, इटावा, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज होते हुए रवाना होगी। दिल्ली से सटे गौतमबुद्धनगर जिले में बुलेट ट्रेन के दो स्टेशन होंगे. रेल मंत्रालय ने इसके निर्माण को मंजूरी दे दी है।
दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर बनाने का काम जोरों पर चल रहा है। इस रूट पर दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन चलेगी। यह पूरा खंड 13 स्टेशनों के साथ 813 किलोमीटर का होगा। इन स्टेशनों का दिल्ली में एक अंडरग्राउंड स्टेशन और उत्तर प्रदेश में 12 एलिवेटेड स्टेशन होंगे।
दिल्ली से वाराणसी के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन की स्पीड 330 किमी प्रति घंटा होगी। इस तरह यह ट्रेन दिल्ली से वाराणसी करीब 3 घंटे 33 मिनट में पहुंचेगी. अंडरग्राउंड स्टेशन के लिए 15 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण कार्य चल रहा है। फिलहाल ट्रेन से दिल्ली से वाराणसी का सफर पूरा करने में 8-10 घंटे का समय लगता है। लेकिन भविष्य में इसे घटाकर आधे से भी कम कर दिया जाएगा। इस दिशा में बुलेट ट्रेन का काम तेजी से चल रहा है.
दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन मथुरा, आगरा, इटावा, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज होते हुए रवाना होगी। दिल्ली से सटे गौतमबुद्धनगर जिले में बुलेट ट्रेन के दो स्टेशन होंगे. रेल मंत्रालय ने इसके निर्माण को मंजूरी दे दी है।
नोएडा में बुलेट ट्रेन के दो ठहराव
- दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन दिल्ली के सराय काले खां स्टेशन से चलेगी और पहला स्टॉपेज नोएडा सेक्टर-148 पर होगा।
- बुलेट ट्रेन का अगला पड़ाव नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा। इस तरह सराय काले खां स्टेशन से एक बुलेट ट्रेन को
- नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक पहुंचने में 21 मिनट का समय लगेगा.
- एक रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा एयरपोर्ट लिमिटेड ने स्टॉपेज का प्रस्ताव दिया था, जिसे रेल मंत्रालय ने हरी झंडी दे
- दी है। अब तय हुआ है कि बुलेट ट्रेन भी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट स्टेशन पर रुकेगी.
- बुलेट ट्रेन का एलिवेटेड स्टेशन
- हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के पहले चरण का निर्माण कार्य जारी है। इसके लिए दिल्ली और नोएडा एयरपोर्ट के बीच
- एलिवेटेड ट्रैक का निर्माण कार्य चल रहा है। यह एलिवेटेड ट्रैक यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे बनाया जा रहा है। इसके लिए यमुना प्राधिकरण ने जमीन मुफ्त दी है।
अभी तक की तैयारियों के मुताबिक दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट को साल 2029 तक पूरा किया जाना है। करीब 800 किलोमीटर के पूरे हिस्से को तीन चरणों में पूरा किया जाना है। बुलेट ट्रेन को नोएडा एयरपोर्ट से जोड़ने का मकसद यह है कि फ्लाइट से यात्रा करने वाले यात्री तेज रफ्तार ट्रेन का फायदा उठा सकें.