अगर पति व पत्नी दोनों प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले रहे हैं तो सावधान हो जाइए।
इसी प्रकार, यदि कोई किसान अपनी कृषि भूमि का उपयोग खेती के लिए नहीं बल्कि अन्य कार्यों के लिए कर रहा है या दूसरों के खेतों में कृषि कार्य करता है, तो वह भी योजना का लाभ लेने के लिए पात्र नहीं होगा।
यदि कोई किसान खेती कर रहा है, लेकिन खेत उसके नाम पर नहीं बल्कि उसके पिता या दादा के नाम पर है, तो ऐसे लोगों को योजना के लिए पात्र नहीं माना जाएगा।
इसके अलावा, सरकारी कर्मचारी, सेवानिवृत्त कर्मचारी, वर्तमान और पूर्व सांसद, विधायक, मंत्री, पेशेवर पंजीकृत डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट या उनके परिवार के सदस्य आदि इस योजना के लिए पात्र नहीं माने जाएंगे।
किसानों का होगा सामाजिक अंकेक्षण
अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने वाले किसानों का सोशल ऑडिट किया जाएगा। सामाजिक अंकेक्षण का कार्य पंचायतों में ग्राम सभा का आयोजन कर किया जायेगा।
इसके लिए सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है। इसके साथ ही सभी प्रखंड विकास अधिकारियों को सूचित कर ऑडिट का काम समय से पूरा करने को कहा गया है.
विधान परिषद चुनाव के बाद ऑडिट अपने चरम पर होगा। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत पंजीकृत लाभार्थी किसानों को हर साल तीन किश्तों में छह हजार रुपये दिए जाते हैं। जिले में इस समय इस योजना से दो लाख 61 हजार किसान लाभान्वित हो रहे हैं।
कृषि विभाग के कर्मी रहेंगे मौजूद;
सोशल ऑडिट के लिए सभी पंचायतों में ग्राम सभा का आयोजन किया जाएगा। ग्राम सभा में पंचायत प्रतिनिधियों सहित कृषि विभाग के कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे। पंचायत से संबंधित पीएम किसान निधि योजना से लाभान्वित होने वाले किसानों की सूची ग्राम सभा में ही सार्वजनिक की जाएगी।
यदि किसी लाभार्थी को कोई आपत्ति होती है या योजना के लिए निर्धारित नियमों का पालन नहीं करता है तो जांच के बाद ऐसे लाभार्थी योजना से वंचित हो जायेंगे। इसके साथ ही योजना की जानकारी ग्राम सभा के माध्यम से लोगों को दी जाएगी ताकि ऐसे लाभार्थी, जिन्होंने अभी तक इस योजना का लाभ नहीं लिया है, ले सकें।
फर्जी लाभुकों का होगा भंडाफोड़’;
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत कई ऐसे किसान हैं, जो लाभ लेने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं।
ऐसे लाभार्थियों का सोशल ऑडिट के दौरान खुलासा किया जाएगा। दरअसल इस योजना के तहत एक परिवार के एक व्यक्ति को इस योजना का लाभ देना होता है, लेकिन कई किसान परिवार ऐसे हैं जो इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं, पति-पत्नी दोनों को लाभ मिल रहा है. इसके अलावा कई ऐसे किसान हैं जो निर्धारित मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं।
इससे पहले भी जिले के 1412 किसानों के नाम इस योजना से हटाए जा चुके हैं। हटाए गए सभी लोग वे थे जो आयकर दाता थे और सरकार की इस योजना का लाभ भी उठा रहे थे। योजनान्तर्गत ऐसे हितग्राहियों द्वारा ली गई राशि की वसूली हेतु कार्यवाही की जा रही है।
उन्हें योजना का लाभ नहीं मिलेगा
सभी संस्थागत भूमिधारक
संवैधानिक पदों के पिछले और वर्तमान धारक
पूर्व और वर्तमान मंत्री, लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद के पूर्व और वर्तमान सदस्य, पूर्व और वर्तमान महापौर, जिला पंचायतों के पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष
केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रालयों, कार्यालयों, विभागों और इसकी क्षेत्रीय इकाइयों के सभी सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी, केंद्रीय या राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों और निकायों के नियमित कर्मचारी (चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को छोड़कर)
सभी सेवानिवृत्त पेंशनभोगी, जिनकी मासिक पेंशन दस हजार या उससे अधिक है।
वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21 में आयकर का भुगतान करने वाले किसान।
डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट और आर्किटेक्ट।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का सोशल ऑडिट ग्राम सभा के माध्यम से किया जाएगा। यह काम विधान परिषद चुनाव के बाद शुरू किया जाएगा। मुख्यालय से प्राप्त दिशा-निर्देशों से नीचे के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। – कृष्णकांत झा, जिला कृषि अधिकारी